चीन से भारत में इंपोर्ट पर कस्टम चार्ज: पूरी जानकारी और बचत के टिप्स
भारत में इंपोर्ट का बढ़ता ट्रेंड
आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग और ग्लोबल मार्केटप्लेस ने चीन से सामान मंगाना बेहद आसान बना दिया है। अलीएक्सप्रेस, अलीबाबा, DHgate, Shein (फिर से लॉन्च के बाद) जैसी वेबसाइट्स से भारत में लोग इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, ज्वेलरी, गैजेट्स और कई तरह के प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं।
लेकिन हर बार जब आप कोई प्रोडक्ट विदेश से मंगवाते हैं, तो वह कस्टम ड्यूटी के नियमों के तहत आता है। कस्टम चार्ज समझना जरूरी है ताकि आपको पार्सल आने पर अचानक बड़ा बिल न भरना पड़े।
कस्टम चार्ज क्या होता है?
कस्टम चार्ज वह टैक्स और फीस है जो सरकार विदेश से आने वाले सामान पर लगाती है। इसका मकसद स्थानीय मार्केट की रक्षा करना और राजस्व बढ़ाना है।
भारत में कस्टम चार्ज मुख्य रूप से इन हिस्सों में बंटा होता है:
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Basic Customs Duty (BCD) – बेस टैक्स जो प्रोडक्ट की वैल्यू पर लगता है।
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IGST (Integrated GST) – सामान की वैल्यू + BCD पर लगाया जाने वाला टैक्स।
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Social Welfare Surcharge (SWS) – BCD का 10% (कुछ केस में)।
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Handling Charges – कूरियर कंपनी या पोस्ट ऑफिस का प्रोसेसिंग चार्ज।
किन चीज़ों पर कस्टम चार्ज लगता है?
भारत में लगभग हर imported सामान पर कस्टम चार्ज लग सकता है, लेकिन कुछ कैटेगरी में यह ज्यादा सख्त होता है:
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इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट्स
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मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट, कैमरा, ड्रोन
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बैटरी वाले आइटम, पावर बैंक, स्मार्ट वॉच
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कपड़े और फैशन आइटम
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ब्रांडेड कपड़े, जूते, बैग, बेल्ट, घड़ियां
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ज्वेलरी और कॉस्मेटिक्स
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गोल्ड/सिल्वर ज्वेलरी, इमिटेशन ज्वेलरी, मेकअप प्रोडक्ट्स
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हेल्थ और मेडिकल इक्विपमेंट
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फिटनेस मशीन, मेडिकल डिवाइस, सप्लीमेंट्स (कुछ प्रतिबंधित)
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अन्य कैटेगरी
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खिलौने, होम डेकोर, स्पोर्ट्स आइटम, मशीनरी पार्ट्स
कितनी वैल्यू पर कस्टम लगता है?
पहले ₹5,000 तक के पर्सनल यूज़ सामान पर कई बार कस्टम नहीं लगता था,
लेकिन अब नियम सख्त हो गए हैं:
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₹0 से ही कस्टम लग सकता है, खासकर अगर प्रोडक्ट इलेक्ट्रॉनिक या ब्रांडेड है।
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छोटे और लो-वैल्यू आइटम (जैसे मोबाइल कवर, चार्जिंग केबल) पोस्टल सर्विस से आएं तो कस्टम कम या जीरो हो सकता है।
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कूरियर सर्विस (DHL, FedEx, UPS) से आने वाले हर सामान पर कस्टम लगभग निश्चित है।
कस्टम चार्ज की दरें (Custom Duty Rates)
भारत में कस्टम रेट प्रोडक्ट की CIF Value (Cost + Insurance + Freight) पर लगते हैं।
आम तौर पर:
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इलेक्ट्रॉनिक्स: 20%–40%
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कपड़े: 20%–30%
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ज्वेलरी: 20% + IGST
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अन्य सामान: 10%–40%
Example:
अगर आपने चीन से ₹5,000 का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट मंगवाया और शिपिंग ₹500 है, तो
कुल वैल्यू = ₹5,500
कस्टम चार्ज (मान लें 20%) = ₹1,100
IGST (18%) = ₹1,188
टोटल = ₹6,688 (यानी ₹1,188 एक्स्ट्रा देना होगा)
कस्टम चार्ज कम करने के टिप्स
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लो-वैल्यू और छोटे पैकेट्स मंगवाएं।
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पोस्टल शिपिंग (Registered Airmail, ePacket) का इस्तेमाल करें, कूरियर से बचें।
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सामान को पर्सनल यूज़ के लिए बताएं, इनवॉइस सही दें।
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बैटरी और रिस्ट्रिक्टेड आइटम अलग से मंगवाएं।
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बड़े ऑर्डर की जगह Multiple Small Orders करें।
अगर आप केवल पर्सनल यूज़ के लिए मंगवा रहे हैं तो कोशिश करें कि लो-वैल्यू, छोटे पैकेट और पोस्टल सर्विस का इस्तेमाल करें।
बिजनेस के लिए इंपोर्ट कर रहे हैं तो IEC कोड और सही कस्टम डिक्लेरेशन के साथ ही करें।
सही प्लानिंग से आप कस्टम चार्ज कम रखकर अपना सामान सस्ते में मंगवा सकते हैं।
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